हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली/ऑल इंडिया शिया काउंसिल और अहलेबैत काउंसिल भारत ने सऊदी सरकार द्वारा ध्वस्त जन्नतुल बक़ीअ की पवित्र कब्रों के पुनर्निर्माण के लिए एक राष्ट्रव्यापी हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। ऑल इंडिया शिया काउंसिल के राष्ट्रीय प्रवक्ता जलाल हैदर नकवी ने कहा कि 2 शव्वाल से 8 शव्वाल तक हस्ताक्षर अभियान जारी रहेगा। जुमे की नमाज के बाद शिया जामा मस्जिद कश्मीरी गेट दिल्ली और देश के विभिन्न हिस्सों के नमाज़ी आंदोलन में शामिल हुए और अभियान में हिस्सा लिया।
हस्ताक्षर अभियान के शुभारंभ पर शोक समारोह को संबोधित करते हुए, ऑल इंडिया शिया काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना जिनान असगर मौलाई ने 1925 में सऊदी सरकार द्वारा ध्वस्त किए गए मकबरों के पुनर्निर्माण का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आले सऊद परिवार ने धर्म को ढाल बनाकर जिस प्रकार मक्का, मदीना, नजफ अशरफ, करबालाए मोअल्ला मे जिस बे दर्दी से शिर्क और बिदअत की ना रवा तोहमत की आड़ मे निर्दोष मुसलमानों का नरसंहार किया उनके बीच सबसे शर्मनाक अपराध जन्नतुल बकीअ मे पैगंबर के परिवार के मासूम हस्तियो के मक़बरो का विध्वंस था। जिसका इस्लामी उम्माह हमेशा से विरोध करती रही हैं, हम सऊदी सरकार से इन पवित्र तीर्थों के पुनर्निर्माण की पुरजोर मांग करते हैं।
इससे पहले अपने जुमे की नमाज़ के उपदेश में मौलाना मोहसिन तकवी ने कहा था कि मदीना जन्नतुल बकीअ में पवित्र दरगाहों को लगभग एक सदी पहले ध्वस्त कर दिया गया था जो अभी भी उजाड़ कब्रों के रूप में उत्पीड़न का प्रतीक हैं और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। इसलिए इसके खिलाफ बोलना जरूरी है।
इस मौके पर मौलाना मिर्जा इमरान अली ने कहा कि आल-ए-रसूल की पवित्र कब्रों की अपवित्रता पर चुप्पी इंसान को सह-अपराधी बनाती है. इस मौके पर अंजुमन के अध्यक्ष शिया अल-सफा कासिम हैदर रिजवी, अली अब्बास नकवी, गुलजीज जैदी और आफताब मिर्जा, मिर्जा मुकद्दर अली और अन्य मौजूद रहे।